क्या आप जानते हैं क्यों जरुरी है सोशल मीडिया का उपवास

आज कल लोग अत्यधिक मात्रा में सोशल मीडिया का उपयोग कर रहें हैं और उसके आदि हो चुके हैं। बार बार अपने सोशल मीडिया अकाउंट को चेक करते हैं इसलिए कहा जा रहा है एक सोचेल मीडिया का उपवास रखने की जरूरत है।

सोशल मीडिया के ज्यादा इस्तेमाल से इंसानों के दिमाग पर बुरा असर डाल रहा है, जिस कारण मानसिक रोगों की आशंका भी बढ़ती जा रही है।

आज के समय में यह बच्चों और बूढ़ों में भी देखने को मिल रही है। इसलिए एक्सपर्ट्स का मानना ​​है कि हफ्ते में एक दिन सोशल मीडिया फास्टिंग भी जरूरी है।

इसे “ई-फास्टिंग” कहा जाता है। इसके जरिए सोशल मीडिया की लत को कम किया जा सकता है। एक हफ्ते में किए जाने वाले ई-फास्टिंग को धीरे-धीरे बढ़ाकर सोशल मीडिया की लत को कम कर सकते हैं।

कैसे करें ई-फास्टिंग?

टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल में कमी को ई-फास्टिंग कहते हैं इसमें आप दिन में कुछ घंटो के लिए या हफ्ते में कुछ समय के लिए अपने सोशल मीडिया उपयोग नहीं करते हैं।

सोशल मीडिया के उपवास में आने वाली समस्याएँ

सोशल मीडिया से दूरी बनाना आसान नहीं है इसमें कई समस्याएँ आती है और मन में कई तरह के प्रश्न जन्म लेते हैं जैसे -

अगर मैं कुछ घंटों के लिए मोबाइल का इस्तेमाल न करूं तो क्या फायदा होगा? यदि मेरे फ्रेंड ने कुछ फनी कंटेंट भेजा होगा तो मैंने उसे देखने में पीछे रह जाऊंगा या उसे मिस कर दूंगा? यदि मुझसे किसी प्रकार की महत्वपूर्ण जानकारी छूट जाती है, तो क्या मुझे नुकसान होगा? आदि।

सोशल मीडिया की लत के लक्षण

सोशल मीडिया का बेवजह use. सोशल मीडिया का उपयोग न कर पाने के कारण बैचेनी महसूस करना। मोबाइल को चार्जिंग पर लगा कर सोशल मीडिया का उपयोग करना। देर रात तक सोशल मीडिया का उपयोग।

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