change your toxic habits

Change Your Toxic Habits: लाइफ में बहुत सी ऐसी आदतें होती हैं जो जीवन को प्रभावित करती हैं यहाँ तक कि जीवन को बर्बाद भी कर सकती हैं। अगर इन आदतों के बारें में पता हो तो इन्हें बदलकर एक अच्छे जीवन की शुरुआत की जा सकती है। टॉक्सिक आदतें एक अच्छे रिश्ते के लिए भी हानिकारक होती है और एक अच्छी लाइफ के लिए भी। यह आदतें मानसिक स्थिति पर भी बुरा असर डालती हैं। अगर यह टॉक्सिक आदतें समय पर नहीं छोड़ी जाएं तो बहुत सी चीजें प्रभावित हो सकती हैं, ख़ासकर के आपका मानसिक स्वास्थ्य, पारिवारिक रिश्ते, लक्ष्य की प्राप्ति, छवि इत्यादि।

लोगों की छोटी-छोटी चीजों को भी याद रखना

छोटी-छोटी सी बातों पर ध्यान देने से हमारे बड़े सपने व लक्ष्य प्रभावित हो जाते हैं, हम केवल इन सब में उलझे रह जाते हैं कि कोई हमारे बारें में क्या कहता है?, क्या सोचता है? तथा हमें किस प्रकार से ट्रीट करता है? आदि। हमें आज ही छोटी-छोटी बातों पर रियेक्ट करना तथा बार-बार सोचना बंद कर देना चाहिए। Busy रहने और अपने सपनों को पूरा करने में समय बिताएं ताकि लोगो की छोटी-छोटी बातो पर ध्यान ना जाए और ना ही उन पर रियेक्ट करने का समय मिले।

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खुद की तकलीफ के लिए दूसरों को दोष देना

आपकी ख़ुशी और आपके दुःख का कारण आप खुद होते हैं। लोगो को इसके लिए दोष देना गलत है, यदि आपके जीवन में किसी भी प्रकार की समस्या चल रही है तो उससे बाहर आने के बारे में विचार करें न कि लोगों को उसके लिए दोष देने में समय व्यर्थ करें। कई बार हो सकता है कि आपकी किसी समस्या का कारण कोई दूसरा व्यक्ति हो, पर आप उसे कब तक दोष देते रहेंगे? ऐसा करने से केवल समस्या और बढ़ेगी और उस व्यक्ति के लिए आपके मन में नफ़रत की भावना जन्म लेगी। हर परिस्थिति में खुद को सकारात्मक रखें और कभी भी उदास और तनाव महसूस हो तो अपने परिचित की सलाह लें और लोगों को दोष देने से बचें।

भावनाओं को दबाना

अगर आप अपनी भावनाओ को हमेशा ही दबाकर रखेंगे, तो एक ना एक दिन यह बाहर आ सकती हैं और एकाएक बाहर आने के कारण इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता सकता है। इसीलिए अपनी भावनाओं को समय-समय अपर अपने दोस्तों, परिवारजनों को बताते रहें ताकि यह भविष्य में ज्वालामुखी की तरह फट कर बाहर न आ जाए! भावनाओं को दबाने से कभी भी लाभ नहीं मिलता है। यह केवल उदासी, और दुखी मन का कारण बनती हैं।

हर बुरी खबर को खुद से जोड़ना

अगर आपकी आदत है कि पूरी दुनिया में कुछ भी बुरी घटना हुई है तो आप उसे खुद से जोड़ कर देखते हैं, तो ऐसा करना आपके तनाव का कारण बन जाता है! इस टॉक्सिक आदत को तुरंत ही छोड़ दें और उन बातों पर ध्यान दें जो सीधे-सीधे आपसे सम्बन्ध रखती हैं तथा अपने कर्तव्यों की पहचान करें और उन पर काम करने। हर बुरी खबर को खुद से जोड़ कर देखना मानसिक स्वास्थ्य तथा व्यवहार पर बुरा असर डालता है। इसके अलावा आपने यह भी सुना होगा कि जैसा आप सोचते हैं वैसे ही बन जाते हैं या वैसा ही आपके साथ होने लगता है! तो, कभी भी बुरी चीज़ों को अपने साथ न जोड़ें!

हर काम में जल्दबाजी करना

Patience यानिकी धैर्य एक ऐसी प्रक्रिया है जिसे हर कोई आसानी से कर सकता है। इसके लिए पहले यह स्वीकार करना जरुरी है कि हम स्वयं ही अपनी बेसब्री के निर्माता हैं। धैर्य के बिना व्यक्ति अपना कोई भी काम पूरा नहीं कर पाता है। धैर्य के साथ आप बड़ी से बड़ी चुनौतियों का सामना कर सकते हैं। क्योंकि कड़ी मेहनत और ताकत से हम उन चीजों को हासिल कर सकते हैं जो हम अधैर्य के साथ कभी नहीं कर सकते।

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