ना कहना भी है जरूरी

कई बार आप किसी काम को नहीं करना चाहते हैं पर आपके पास “ना” कहने की हिम्मत नही होती है। और बेवजह ही आप उस जगह पर उपस्थित होते हैं जहां शायद आपको नहीं होना चाहिए था। देखा जाये तो केवल आपकी हर बात पर “हाँ” कहने की आदत ही आपको यहाँ लेकर आई है!

स्वार्थी होना बुरा है पर कई बार आपको मानसिक शांति के लिए स्वार्थी हो जाना चाहिए, ऐसा करने में कोई बुराई नहीं है। पर हर समय केवल खुद के बारें में सोचना भी गलत है, जरूरत के समय जरुरतमन्द के काम आ जाना चाहिए। आप जिस जगह पर “ना” कह सकते हैं और आपको “ना” कहने का मन भी है तो आप कई तरीको से “ना” कह सकते हैं, जैसे –

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  • आपका बहुत-बहुत धन्यवाद पर मेरा मन नहीं है मैं नहीं आ सकता।
  • मुझे आज जरुरी काम है इसीलिए में नहीं आ सकता हूँ पर आपका बहुत-बहुत धन्यवाद कि आपने मुझसे पूछा तो सही।
  • मैं हाल ही में बहुत अधिक पैसा खर्च कर रहा हूं, फ़िलहाल मैं बचत पर ध्यान दे रहा हूँ इसलिए में नही आ सकता हूँ।
  • मैं हाल ही में काम में बहुत व्यस्त महसूस कर रहा हूं। मुझे इस बार मना करना होगा।
  • मुझे आपके साथ जुड़ना अच्छा लगेगा, लेकिन मैं अभी काम से थोड़ा व्यस्त हूँ।
  • मैं आपके प्रस्ताव से प्रसन्न हूं, लेकिन मैं नहीं आ सकता हूँ, धन्यवाद।

ऐसे अपनाएं ना कहने की आदत

प्रस्ताव के लिए धन्यवाद कहें –

अगर आप किसी को “ना” नहीं कह पाते हैं, तो आपको यह तरीका अपनाना चाहिए। अगर कोई आपको चलने के लिए कहता है तो आप धन्यवाद कह सकते हैं और इसके बाद उसे मना कर सकते हैं। आप कह सकते हैं कि प्रस्ताव के लिए धन्यवाद, और मैं नही आ सकता हूँ। या फिर आप कह सकते हैं कि आपने इस काम के लिए मुझे योग्य समझा इसलिए धन्यवाद पर माफ़ी चाहूँगा मैं यह नही कर सकता हूँ। ऐसा करने से आप सामने वाले को मना भी कर सकते हैं और उसका दिल भी नहीं टूटेगा।

उन्हें बताएं कि आप सहमत नहीं हो सकते

अगर हो सके तो उन्हें बताएं कि आप ना क्यों कह रहे हैं या क्यो नही आ रहे हैं? पर ज्यादा शब्दों का प्रयोग ना करें ऐसा करना सही नही होगा। ना कहने के कई कारण होते हैं जैसे आप कहीं और व्यस्त हैं, आपकी कार्य मे रूची नहीं है, उस कार्य का आपको अनुभव नही है आदि। अपनी ना कहने की वजह को कम शब्दों में प्रस्तुत करें ताकि सामने वाला ज्यादा प्रश्न भी ना करें और आपकी बात भी समझ जाए।

ज्यादा स्पष्टीकरण प्रस्तुत न करें।

ज्यादा स्पष्टीकरण देने की जगह आप सीधे सीधे ना कह दें, ऐसा करने से आप पर मानसिक दबाव भी नहीं रहेगा और आपको झूठ बोलने की आवश्यकता भी नहीं होगी। अगर आप स्पष्टीकरण देंगे तो हो सकता है आप शक के दायरे में आ जाएं और सामने वाला आपकी कही गयी बातो को गंभीरता से न ले और उन्हें झूठ समझने लगे। किसी भी परिस्थिती में आप आत्मविश्वास में कमी ना आने दें, वरना आपकी इच्छा के विरुद्ध आपको “हाँ” कहना पड़ सकता है। अपनी बात पर अडिग रहें और वाद-विवाद से बचे तथा मुस्कुरा कर “ना” कहें।

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