सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर क्या है

सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर (Social Anxiety Disorder) जिसे सामाजिक दुर्भीति या Social Phobia भी कहा जा सकता है, एक मानसिक स्वास्थ्य स्थिति है जो सामाजिक परिस्थितियों में अत्यधिक भय, घबराहट उत्पन्न करती है। सामाजिक चिंता विकार वाले लोग उन स्थितियों में बेहद चिंतित महसूस कर सकते हैं, जहां उन्हें लगता है कि अन्य लोग उन्हें ही देख रहे हैं। इसमें सार्वजनिक रूप से बोलना, नए लोगों से मिलना, बड़े समूहों में होना, या यहाँ तक कि दूसरों के सामने खाना-पीना जैसी स्थितियाँ में डर सा लगता है और व्यक्ति इनसे बचने की कोशिश करता है। इस विकार के लक्षणों में पसीना आना, कांपना, शरमाना, दिल की धड़कन तेज होना, बोलने में कठिनाई और सामाजिक स्थितियों से पूरी तरह बचना शामिल है। ये लक्षण परेशान करने वाले हो सकते हैं और किसी सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लेने, या स्कूल या काम पर अच्छा करने की क्षमता में हस्तक्षेप कर सकते हैं। जिस व्यक्ति को सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर होता है वो भीड़ में जाने पर तनाव महसूस कर सकता है। इस विकार से पीड़ित लोग जनता में बोलने, सार्वजनिक टॉयलेट का उपयोग करने, डेटिंग पर जाने, अन्य लोगों के सामने भोजन करने से डरते हैं। अब आप जान गये होंगे कि सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर क्या है? आगे आपको इस डिसऑर्डर के बारें में और भी महत्वपूर्ण जानकारियां पढ़ने को मिल जाएंगी।

इसके कारण युवा अत्यधिक प्रभावित होते हैं और अपने प्रारम्भिक जीवन में ही असफल रह सकते हैं। सफलता पाने के लिए सामाजिक रूप से सक्षम होने की आवश्यकता होती है पर सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर के कारण व्यक्ति अच्छे से अच्छे अवसर को छोड़ देता है। डर की भावना उसे इन परिस्थियों में जाने पर शर्मिंदगी महसूस करवा सकती है। इन लोगों को ऐसा लगता है कि समाज वाले या उनके सामने उपस्थित व्यक्ति उनकी बातों का मजाक बना सकते हैं जिस कारण वह बोलने में हिचकिचाते हैं।

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7 प्रतिशत अमेरिकी तथा 12 प्रतिशत भारतीय युवा इस सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर से प्रभावित हैं। हम में से भी कई लोगो ने स्कूल, कॉलेज आदि में स्टेज पर बोलने में डर महसूस किया होगा। वैसे शुरुआत में यह होना आम बात है, परन्तु कुछ लोगो में यह डर हमेशा के लिए बना रहता है और हर बार वह सामाजिक रूप से बोलने की स्थिति में भयभीत हो जाते हैं।

सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर होने के कारण

Brain Structure – मस्तिष्क की संरचना

हर व्यक्ति के मस्तिष्क की क्षमता और बनावट अलग-अलग होती है, कुछ लोगो के दिमाग के कुछ हिस्से ज्यादा सेंसिटिव हो सकते हैं जिस कारण यह डिसऑर्डर हो सकता है। और वह सामाजिक दुर्भीति के शिकार हो सकते हैं।

Genetic – आनुवंशिक

मस्तिष्क से सम्बन्धित कई बीमारियाँ अनुवांशिक होती हैं। यदि माता-पिता में से किसी एक को भी यह बीमारी है तो बच्चो में भी इसके लक्षण देखे जा सकते हैं। कम उम्र में इसके लक्षण दिखाई नही देते हैं। आमतोर पर 13 साल की उम्र के बाद ही इस बीमारी के लक्षण दिखाए देते हैं।

Negative Experience – नकारात्मक अनुभव

अगर किसी के साथ भूतकाल (Past) में सामाजिक रूप से कोई नकारात्मक घटना घटती है तो उस व्यक्ति में सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर होने की सम्भावना रहती है। क्योंकि इस प्रकार की कोई भी घटना दिमाग पर बुरा असर डाल सकती है और व्यक्ति सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर से ग्रस्त हो जाता है। उदाहरण के लिए अगर कोई बचपन में स्टेज पर परफॉरमेंस करते समय कुछ गलत परफॉम कर देता है या फिर स्टेज पर जाने के बाद किसी भी प्रकार की शर्मिंदगी महसूस करता है।

Parental Affection – माता पिता का ज्यादा प्यार भरा स्वभाव

अगर माता-पिता अपने बच्चे को बचपन से लोगों से दूर रहने के लिए कहते हैं, बच्चे के प्रति ज्यादा रक्षात्मक वातावरण बना कर रखते हैं, नये लोगो से मिलने को एक खतरा बताते हैं तो उस बच्चें में इस डिसऑर्डर के होने सम्भावना बढ़ जाती है।

निवारण

इस विकार का निवारण सम्भव है पर इसमें समय लग सकता है। सामाजिक दुर्भीति (Social Phobia) के लक्षणों में सुधार करने के लिए विशेषज्ञ के परामर्श की जरूरत हो सकती है, यदि इसका स्तर अत्यधिक है तो। निम्न लक्ष्ण दिखने पर आप आत्मविश्वास को बढ़ा कर तथा किसी अपने की मदद से इस विकार से बाहर आ सकते हैं। मनोचिकित्सा तथा दवाओं के द्वारा इस डिसऑर्डर से छुटकारा पाया जा सकता है, सेरोटोनिन और नोरेपीनेफ्राइन रीपटेक इनहिबिटर (एसएनआरआई) वेनालाफैक्सिन (इफेक्सर एक्सआर) इस इलाज के उपयोग की जाने वाली मुख्य दवाएं हैं पर बिना डॉक्टर की सलाह के इनका सेवन करना बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता है। थेरेपी द्वारा भी इस बीमारी का इलाज किया जाता है जिसमें Cognitive behavioral therapy (CBT) शामिल है।

उम्मीद करते हैं आपको सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर क्या है? समझ आया होगा। इसी प्रकार के और भी डिसऑर्डर्स, मेंटल हेल्थ समस्याओं के बारे में जानने और मेंटल ग्रोथ, सेल्फ केयर टिप्स के लिए सुकूनमंत्रा को बुकमार्क करिये।

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